सुपुर्दगी का अर्थ Delivery
वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 2 (2) के अनुसार ‘एक व्यक्ति से दूसरे को कब्जे का ऐच्छिक हस्तान्तरण ‘सुपुर्दगी’ होता है।’ वस्तु विक्रय अधिनियम की धारा 33 के अनुसार…
वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 2 (2) के अनुसार ‘एक व्यक्ति से दूसरे को कब्जे का ऐच्छिक हस्तान्तरण ‘सुपुर्दगी’ होता है।’ वस्तु विक्रय अधिनियम की धारा 33 के अनुसार…
माल के विक्रय के ठहरावों में प्रमुख चीज माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण है। जब क्रेता माल का स्वामी बनता है सिर्फ तभी माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण स्थापित हुआ…
विक्रय के अनुबन्ध का अर्थ वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 4(1) के अनुसार ‘विक्रय का अनुबन्ध एक ऐसा अनुबन्ध है जिसके द्वारा विक्रेता क्रेता को एक कीमत के लिए…
भुगतान करने तथा मूल ऋणी के दायित्व से मुक्ति पाने के बाद, प्रतिभू विभिन्न अधिकार पाता है। ऐसे अधिकार नीचे दिए अनुसार तीन प्रकार के हैं- (i) मूल ऋणी के…
एक प्रतिभू तब दायित्व से मुक्त माना जाता है जब अनुबन्ध के अन्तर्गत उसका दायित्व खत्म हो जाता है। निम्न तरीके या परिस्थितियाँ हैं जिनमें एक प्रतिभू उसके दायित्व से…
प्रतिभू के दायित्व की प्रकृति तथा सीमा को निम्न बिन्दुओं के द्वारा समझा जा सकता है- (1) प्रतिभू का दायित्व सह-विस्तारी होता है- अनुबन्ध अधिनियम की धारा 128 बताती है…
चालू प्रतिभूति के सम्बन्ध में निम्न महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं को याद रखना चाहिए- (1) समय-समय पर विखण्डित प्रतिफल को लागू करना | विभाजित योग्य प्रतिफल एक चालू प्रतिभूति बहुत से विभिन्न…
प्रतिभूति के अनुबन्ध ‘प्रतिभूति का एक अनुबन्ध वचन का निष्पादन करने या एक तीसरे व्यक्ति के दायित्व का उसकी त्रुटि की स्थिति में पालन करने का अनुबन्ध होता है। व्यक्ति…
हानिरक्षा या क्षतिपूर्ति का अनुबन्ध ‘क्षतिपूर्ति का अनुबन्ध एक ऐसा अनुबन्ध है जिसके द्वारा एक पक्षकार दूसरे को स्वयं वचनदाता के व्यवहार या किसी भी अन्य व्यक्ति के व्यवहार द्वारा…
एक अनुबन्ध विधि के न्यायालय में प्रवर्तनीय दायित्वों का निर्माण करता है। अतः यदि एक पक्षकार उसके हिस्से का निष्पादन करने में असफल रहता है, तब अन्य पक्षकार को अनुबन्ध…