कपट का अर्थ निम्न होता है व इसमें शामिल होता है अन्य पक्षकार को धोखा देने तथा इसे प्रस्ताव पर उसकी सहमति देने तथा एक अनुबंध करने के लिए प्रेरित करने के इरादे से असत्य जानते हुए एक गलत कथन को कहना या...
एक वैध अनुबंध के लिए दो अनिवार्यताओं अर्थात् प्रस्ताव एवं सहमति तथा पक्षकारों के बीच में संविदा करने की क्षमता के बाद ज्यादा महत्त्वपूर्ण तीसरी जरूरत ‘स्वतंत्र सहमति’ है। स्वतंत्र सहमति को समझने के पहले, यह समझना जरूरी है कि ‘सहमति’ क्या है। किसी...
निम्न व्यक्ति एक वैध अनुबंध करने के लिए अयोग्य माने जाते है – (1) विदेशी शत्रु: एक विदेशी एक व्यक्ति है जो एक विदेशी देश का नागरिक है तथा जो भारत के संघ के विषयगत नहीं है। कुछ प्रतिबंधों के विषयगत एक...
प्रस्ताव से सम्बन्धित निम्न कानूनी नियम बहुत महत्त्वपूर्ण हैं: ( 1 ) प्रस्ताव को कानूनी संबंधों को स्थापित करने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए प्रस्ताव के पक्षकारों के बीच में कानूनी संबंध स्थापित होने चाहिए। सामाजिक ठहराव कानूनी संबंधों को निर्मित नहीं करते...
भारतीय संविदा अधिनियम में शब्द ‘प्रस्ताव’ को ‘ऑफर’ के लिए प्रयोग किया गया है। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 2(a) के अनुसार ‘जब एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से किसी कार्य को करने या न करने के सम्बन्ध में अपनी इच्छा इस उद्देश्य...
अनुबंधों को मोटे तौर पर निम्न तरह वर्गीकृत किया जा सकता प्रवर्तनीयता के आधार पर (1) वैघ अनुबंध : अनुबंध को जो अधिनियम की धारा 10 में बताई गई सभी अनिवार्यताओं को संतुष्ट करते हैं, वे कानून के न्यायालय में प्रवर्तनीय होते हैं तथा...
व्यावसायिक विधि का प्रमुख आधार ‘अनुबंध’ है। सभी व्यावसायिक गतिविधियाँ दो पक्षकारों के बीच में ठहरावों से उत्पन्न होती हैं। कानूनी ठहराव ‘अनुबंधों’ का रूप ले लेते हैं। यह सिर्फ अनुबंध की वैधता है जो इसमें कानूनीपन निर्मित करती है। अतः अनुबंध को बहुत...
हर व्यक्ति प्रतिदिन कई ठहराव करता है। आपसी ठहरावों के आधार पर, इतनी सारे व्यवहार हैं जो आपसी दायित्व की जागरुकता को करते हैं। इन व्यवहारों का कानूनी दृष्टिकोण से भी विशेष महत्त्व होता है। ‘ठहराव’ के सम्बन्ध में विभिन्न विद्वानों द्वारा विभिन्न परिभाषाएं दी...