Author: Muhammed Hashim

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Measures to Correct Deficit in Balance of Payments

When Balance of payments of any country is in disequilibrium, if can be corrected by following measures. 1. Adjustment through Exchange Depreciation (Price Effect)- Under flexible exchange rates, the disequilibrium in the balance of...

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Disequilibrium in Balance of Payments

A disequilibrium in the BOP of a country may be either a deficit or a surplus. A deficit or surplus in BOP of acountry appears when its autonomous receipts (credits) donot match its autonomous...

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पेटेंट एक्ट, 1970

सामान्य तौर पर पेटेंट का अर्थ है सरकार की तरफ से किसी आविष्कार को बनाने, बेचने व प्रयोग करने के लिए आज्ञा तथा अन्यों को भी ऐसा करने देने की स्वीकृति/पेटेंट अधिकार केवल उन नए आविष्कारों को...

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पीड़ित पक्षकार को उपलब्ध उपचार

माल के विक्रय के अनुबन्ध भंग की स्थिति में पीड़ित पक्षकारों के रूप में क्रेता या विक्रेता को नीचे दिए अनुसार कुछ उपचार दिए गए हैं- क्रेता को उपलब्ध उपचार वस्तु विक्रय अधिनियम की धारा...

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विक्रेता का अधिकार

वस्तु विक्रय अधिनियम की धारा 27 के अनुसार कोई भी क्रेता विक्रेता से बेहतर स्वत्व प्राप्त नहीं कर सकता। जिस भी तरह अधिकार विक्रेता के अधिकार में है-अच्छा या बुरा उसे वह क्रेता को हस्तान्तरित करेगा, उससे...

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परिस्थितियाँ जब एक शर्त को एक आश्वासन माना जा सकता है

निम्न परिस्थितियों के अन्तर्गत एक शर्त को एक आश्वासन माना जा सकता है या एक शर्त भंग को एक आश्वासन भंग माना जा सकता है- (1) जब विक्रय विक्रेता द्वारा पूरी की जाने वाली किसी...

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शर्त तथा आश्वासन का अर्थ

विक्रय के हर अनुबन्ध में माल की गुणवत्ता के सम्बन्ध में कई बन्धन होते हैं। सभी बन्धन समान महत्त्व के नहीं होते। जो बन्धन विक्रय के अनुबन्ध के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं तथा जिनको भंग...

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स्वामित्व के हस्तान्तरण का अर्थ

माल के विक्रय के ठहरावों में प्रमुख चीज माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण है। जब क्रेता माल का स्वामी बनता है सिर्फ तभी माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण स्थापित हुआ माना जाता है। स्वामित्व के हस्तान्तरण का...

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मूल्य का निर्धारण

वस्तु विक्रय अधिनियम द्वारा मूल्य के निर्धारण को विशेषतः से किया जा सकता है- दिया गया है। विक्रय के एक अनुबन्ध में मूल्य का निर्धारण निम्न तरीके (1) मूल्य निश्चित होना चाहिए- धारा 9 (...

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माल का अर्थ

धारा 2 (7) के अनुसार ‘माल’ का अर्थ अभियोज्य दावों तथा मुद्रा को छोड़कर हर तरह की चल सम्पत्ति है तथा इसमें स्टॉक तथा शेयर्स, खड़ी फसलें, घास तथा भूमि से जुड़ी हुई या इसका भाग...