Author: Muhammed Hashim

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सक्षम पक्षकार

सक्षम पक्षकार भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 10 के अनुसार ‘सभी ठहराव अनुबंध होते हैं यदि वे अनुबंध करने के सक्षम पक्षकारों की स्वतंत्र सहमति द्वारा किए गए हैं। अतः धारा 10 इंगित करती है कि...

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वैध अनुबंध के लिए प्रतिफल की जरूरत

प्रतिफल के बिना, अनुबंध व्यर्थ होंगे। अतः प्रतिफल एक वैध अनुबंध की एक जरूरी विशेषता है। प्रतिफल के बिना संव्यवहार शर्तों या नियमों के विरुद्ध होता है तथा यह उपस्थित नहीं हो सकता। इसी तरह सालमंड तथा...

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प्रतिफल से संबंधित नियम

‘प्रतिफल’ से संबंधित नियम (अनिवार्यताएं) निम्न हैं: (1) वचनकर्ता की इच्छा पर एक प्रतिफल जिसमें एक फार्म या विरत रहना शामिल है, वह सिर्फ तब वैध होगा, जब इसे वचनकर्ता की इच्छा पर प्रस्तावित किया गया...

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प्रतिफल की परिभाषा

साधारण भाषा में शब्दावली ‘प्रतिफल’ का अर्थ कुछ अन्य चीज को प्राप्त करने के लिए बदले में दी गई कोई चीज है (विशेषकर मुद्रा) ‘मुद्रा’ में होता है। अतः यह विश्वास किया जाता है कि प्रतिफल का...

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स्वीकृति का अर्थ

स्वीकृति का अर्थ कोई भी ऑफर या प्रस्ताव इस इरादे से रखा जाता है कि स्वीकृति उसके उद्देश्य या लक्ष्य के अनुसार प्राप्त की जा सके। ‘स्वीकृति ‘ प्रस्तावक तथा स्वीकारकर्ता के बीच में कानूनी...

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प्रस्ताव से संबंधित सांविधिक नियम

प्रस्ताव से सम्बन्धित निम्न कानूनी नियम बहुत महत्त्वपूर्ण हैं: ( 1 ) प्रस्ताव को कानूनी संबंधों को स्थापित करने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए प्रस्ताव के पक्षकारों के बीच में कानूनी संबंध स्थापित होने चाहिए।...

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प्रस्ताव का अर्थ

भारतीय संविदा अधिनियम में शब्द ‘प्रस्ताव’ को ‘ऑफर’ के लिए प्रयोग किया गया है। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 2(a) के अनुसार ‘जब एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति से किसी कार्य को करने या न करने...

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अनुबंधों का वर्गीकरण

अनुबंधों को मोटे तौर पर निम्न तरह वर्गीकृत किया जा सकता प्रवर्तनीयता के आधार पर (1) वैघ अनुबंध : अनुबंध को जो अधिनियम की धारा 10 में बताई गई सभी अनिवार्यताओं को संतुष्ट करते हैं, वे...

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वैध संविदा का अर्थ

व्यावसायिक विधि का प्रमुख आधार ‘अनुबंध’ है। सभी व्यावसायिक गतिविधियाँ दो पक्षकारों के बीच में ठहरावों से उत्पन्न होती हैं। कानूनी ठहराव ‘अनुबंधों’ का रूप ले लेते हैं। यह सिर्फ अनुबंध की वैधता है जो इसमें कानूनीपन...

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एक ठहराव का अर्थ

हर व्यक्ति प्रतिदिन कई ठहराव करता है। आपसी ठहरावों के आधार पर, इतनी सारे व्यवहार हैं जो आपसी दायित्व की जागरुकता को  करते हैं। इन व्यवहारों का कानूनी दृष्टिकोण से भी विशेष महत्त्व होता है। ‘ठहराव’ के...