परिस्थितियाँ जब एक शर्त को एक आश्वासन माना जा सकता है
निम्न परिस्थितियों के अन्तर्गत एक शर्त को एक आश्वासन माना जा सकता है या एक शर्त भंग को एक आश्वासन […]
निम्न परिस्थितियों के अन्तर्गत एक शर्त को एक आश्वासन माना जा सकता है या एक शर्त भंग को एक आश्वासन […]
विक्रय के हर अनुबन्ध में माल की गुणवत्ता के सम्बन्ध में कई बन्धन होते हैं। सभी बन्धन समान महत्त्व के नहीं
माल के विक्रय के ठहरावों में प्रमुख चीज माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण है। जब क्रेता माल का स्वामी बनता है
वस्तु विक्रय अधिनियम द्वारा मूल्य के निर्धारण को विशेषतः से किया जा सकता है- दिया गया है। विक्रय के एक अनुबन्ध
धारा 2 (7) के अनुसार ‘माल’ का अर्थ अभियोज्य दावों तथा मुद्रा को छोड़कर हर तरह की चल सम्पत्ति है तथा
वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 2 (2) के अनुसार ‘एक व्यक्ति से दूसरे को कब्जे का ऐच्छिक हस्तान्तरण ‘सुपुर्दगी’
माल के विक्रय के ठहरावों में प्रमुख चीज माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण है। जब क्रेता माल का स्वामी बनता है
विक्रय के अनुबन्ध का अर्थ वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 4(1) के अनुसार ‘विक्रय का अनुबन्ध एक ऐसा अनुबन्ध है
भुगतान करने तथा मूल ऋणी के दायित्व से मुक्ति पाने के बाद, प्रतिभू विभिन्न अधिकार पाता है। ऐसे अधिकार नीचे दिए
एक प्रतिभू तब दायित्व से मुक्त माना जाता है जब अनुबन्ध के अन्तर्गत उसका दायित्व खत्म हो जाता है। निम्न तरीके
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