शर्त तथा आश्वासन का अर्थ

विक्रय के हर अनुबन्ध में माल की गुणवत्ता के सम्बन्ध में कई बन्धन होते हैं। सभी बन्धन समान महत्त्व के नहीं होते। जो बन्धन विक्रय के अनुबन्ध के लिए बहुत…

स्वामित्व के हस्तान्तरण का अर्थ

माल के विक्रय के ठहरावों में प्रमुख चीज माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण है। जब क्रेता माल का स्वामी बनता है सिर्फ तभी माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण स्थापित हुआ…

मूल्य का निर्धारण

वस्तु विक्रय अधिनियम द्वारा मूल्य के निर्धारण को विशेषतः से किया जा सकता है- दिया गया है। विक्रय के एक अनुबन्ध में मूल्य का निर्धारण निम्न तरीके (1) मूल्य निश्चित…

सुपुर्दगी का अर्थ  Delivery

वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 2 (2) के अनुसार ‘एक व्यक्ति से दूसरे को कब्जे का ऐच्छिक हस्तान्तरण ‘सुपुर्दगी’ होता है।’ वस्तु विक्रय अधिनियम की धारा 33 के अनुसार…

स्वामित्व के हस्तान्तरण का अर्थ

माल के विक्रय के ठहरावों में प्रमुख चीज माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण है। जब क्रेता माल का स्वामी बनता है सिर्फ तभी माल के स्वामित्व का हस्तान्तरण स्थापित हुआ…

विक्रय के अनुबन्ध 1930

विक्रय के अनुबन्ध का अर्थ वस्तु विक्रय अधिनियम, 1930 की धारा 4(1) के अनुसार ‘विक्रय का अनुबन्ध एक ऐसा अनुबन्ध है जिसके द्वारा विक्रेता क्रेता को एक कीमत के लिए…

प्रतिभू के अधिकार 

भुगतान करने तथा मूल ऋणी के दायित्व से मुक्ति पाने के बाद, प्रतिभू विभिन्न अधिकार पाता है। ऐसे अधिकार नीचे दिए अनुसार तीन प्रकार के हैं- (i) मूल ऋणी के…

प्रतिभू की दायित्व से मुक्ति

एक प्रतिभू तब दायित्व से मुक्त माना जाता है जब अनुबन्ध के अन्तर्गत उसका दायित्व खत्म हो जाता है। निम्न तरीके या परिस्थितियाँ हैं जिनमें एक प्रतिभू उसके दायित्व से…

प्रतिभू के दायित्व की प्रकृति तथा सीमा

प्रतिभू के दायित्व की प्रकृति तथा सीमा को निम्न बिन्दुओं के द्वारा समझा जा सकता है- (1) प्रतिभू का दायित्व सह-विस्तारी होता है- अनुबन्ध अधिनियम की धारा 128 बताती है…